सहारनपुर न्यायालय समाचार: नाबालिग लड़कियों के साथ अपराध में अभियुक्त को 10 साल की सजा
सहारनपुर के जनकपुरी थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने अभियुक्त हैदर पुत्र अलीहसन को दोषी मानते हुए ₹25,000 का अर्थदंड भी लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
वर्ष 2022 में पीड़िता की दादी ने जनकपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि तीन आरोपियों – हैदर, नाहर और अमन ने उनकी दो नाबालिग पोतियों को बहला-फुसलाकर भगाने के बाद छेड़छाड़ व दुष्कर्म किया।
पुलिस ने धारा 354/354-घ/363 और 7/8 पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान अमन और नाहर की संलिप्तता गलत पाई गई, जिसके बाद उन्हें मामले से बाहर कर दिया गया। मुख्य आरोपी हैदर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
न्यायालय का फैसला
लगभग तीन साल तक चली सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे-13) ने आरोपी हैदर पुत्र अलीहसन को आईपीसी की धारा 354/354-डी/363/376, पोक्सो एक्ट की धारा 3/4 और एससी-एसटी एक्ट के तहत दोषी करार दिया और 10 वर्ष की सजा सुनाई।
पुलिस एवं अभियोजन की अहम भूमिका
इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान और पुलिस अधीक्षक नगर व्योम बिंदल की सख्ती के चलते न्याय मिला।
- थाना जनकपुरी प्रभारी सतेन्द्र नागर के कुशल निर्देशन में पेरोकार प्रीतम ने प्रभावी पैरवी की।
- वकील एडीजीसी विवेक कौशिक और विवेचक उपनिरीक्षक वीर सिंह ने भी अहम भूमिका निभाई।
- मानिटरिंग सेल की पेरवी भी सराहनीय रही।
पुलिस प्रशासन का सख्त संदेश
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के निर्देशन में न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की मुहिम जारी है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि महिला अपराधों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
👉 खबर, विज्ञप्ति और विज्ञापन के लिए संपर्क करें:
📞 एलिक सिंह, संपादक, वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📞 8217554083